मेरी पसंद की एक ग़ज़ल, जिसे जगजीत सिंह की आवाज ने जादुई कर दिया है.
सुन ली जो खुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो.
दरवाजे पे दस्तक की सदा तुम तो नहीं हो.
महसूस किया तुम को तो गीली हुई पलकें,
बदलें हुए मौसम की अदा तुम तो नहीं हो.
अन्जानी सी राहों में नहीं कोई भी मेरा,
किस ने मुझे युँ अपना कहा तुम तो नहीं हो.
दुनिया को बहरहाल गिले शिकवे रहेगे,
दुनिया की तरह मुझ से खफ़ा तुम तो नहीं हो.
Wednesday, August 12, 2009
Tuesday, July 21, 2009
ये नील की दुनिया है.. रूमानी सी दुनिया
इस दुनिया की झलक बस उन्हीं लोगों के लिए, जो खुद भी रूमानी है.
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